Hi Friends वैसे तो आज कल हम हर रोज बहुत सारी Website Search करते है उसमे दी गयी जानकारी पढ़ते है, पर कभी आपने सोचा है ये वेबसाइट में जो डाटा है जैसे की फोटो वीडियो ये सब कहा स्टोर होता है, ये सब जहा स्टोर होता है उसे Hosting कहते है।
जो लोग टेक्निकल बैकग्राउंड से है उन्हें इन सब चीज़ो की जानकारी रहती है पर नॉन टेक्निकल लोगो को इसकी जानकारी नहीं रहती जैसे कि वेबसाइट में ये होस्टिंग कैसे होता है? Web Hosting कैसे काम करता है? Web Hosting कितने प्रकार की होती है? ये सब जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगी तो अब बात करते है वेब होस्टिंग के बारे में।
Web Hosting क्या होती है ?
Web hosting एक तरह कि सर्विस है । इंटरनेट पर आपको अपनी वेबसाइट या वेब पेज बनाना है तो उसके लिए आपको होस्टिंग की जरुरत पड़ती है सिंपल लैंग्वेज में बात करे तो जैसे आप अपने पर्सनल कंप्यूटर पे काम करते है
तब जो भी काम करते है वो कहि पे जाके सेव होता है वो जगह आपके कंप्यूटर के ड्राइव पे ही रहता है वैसे ही जब आप अपनी वेबसाइट या वेब पेज पे काम करते है तो आपके Web Hosting Server पे जाके स्टोर होता है।
Web Hosting एक तरह का बिज़नेस है जो किसी भी व्यक्ति या कमपनी की वेबसाइट या वेबपेज को पूरी दुनिया तक पहुंचाता है इसके होस्टिंग सर्वर 24/7 चालू रहते है मार्किट में बहोत सारि ऐसी फेमस कम्पनिया है जो होस्टिंग सर्विस प्रोवाइड करती है
जैसे की SiteGround, A2Hosting,Godaddy, ResellerClub, Hostgator, Bluehost इनके अलावा और बहोत सी कंपनिया भी है जो इस तरह का सर्विस प्रोवाइड करती है। जिनको वेबहोस्ट भी कहा जाता है ।
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Web Hosting कैसे काम करती है ?
एक वेबसाइट का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या कंपनी की इनफार्मेशन दुनिया के सब लोगो तक पहुंचे जब भी वेबसाइट पे कोई भी फाइल फोटो या वीडियो अपलोड होता है तो वो Web Hosting कंपनी के होस्टिंग सर्वर पे जाकर Save होता है।
पर ये तो ठीक है पर कोई भी व्यक्ति आपकी वेबसाइट सर्च कैसे करेगा उसके के लिए वेबसाइट के नाम की जरुरत पड़ती है और उसी नाम से डोमेन लेना पड़ता है जैसे हमारे इस ब्लॉग की वेबसाइट https://www.technoearning.in/ है, इसको आप कोई भी ब्राउज़र में डालेंगे तो हमारी वेबसाइट ओपन होंगी और उसमे आप जो भि क्लिक करोंगे उसकी इनफार्मेशन आप व्यू कर पाएंगे जो वेब होस्ट सर्वर पे स्टोर होता है।
Web Hosting कैसे और कहा से ख़रीदे?
मार्किट में बहोत सारी कम्पनीज है जो Web Hosting सर्विस प्रोवाइड करती है पर उस से पहले कुछ चीज़े है जो आपको ध्यान रखना है जैसे की अगर आपकी टारगेट ऑडियंस इंडिया की है तो आप इंडिया की कंपनी से होस्टिंग ख़रीदे
अभी आपके भी मन में ये सवाल आया होंगे के ऐसा क्यूं इस से क्या फरक पड़ेंगा क्यों की इंडियन कम्पनीज के होस्टिंग सर्वर इंडिया में ही होते है तो रेस्पॉन्स टाइम कम हो जाएंगे और आपकी वेबसाइट का स्पीड भी सही रहैगा दूसरी चीज़ अगर आपका वेब होस्ट इंडिया से है तो आपको क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं करना पड़ेंगे
आपके net banking या एटीएम से पेमेंट हो जाएगा । एक बार होस्टिंग खरीदने के बाद आप अपने डोमेन को होस्टिंग सर्वर से कनेक्ट कर सकते है । मार्किट में कुछ ऐसे सर्विस प्रोवाइडर्स है जो काफी फेमस है और भरोसेलायक है इनका सपोर्ट और सर्विस सही रहता है।
- SiteGround
- A2Hosting
- Godaddy
- ResellerClub
- Hostgator,
- Bluehost
- Godaddy
- BigRock
Hosting आप अपनी जरुरत के हिसाब से कोई भी सूटेबल कंपनी से ले सकते है वैसे वर्डप्रेस ब्लॉग के लिए वर्डप्रेस कंपनी आपको ब्लूहोस्ट recommend करता है पर वो जरुरी नहीं है।
सही Hosting का चयन कैसे करे?
वेब होस्टिंग खरीदने से पहले आपको कुछ जानकारी होना बहोत जरुरी है वो जानकारी और आपको अपनी वेबसाइट के लिए इनमेसे कोनसी चीज़े चाहिए और कितनी चाहिए उसके हिसाब से आप होस्टिंग का चयन करे।
STORAGE:– डिस्क स्पेस जहा आपकी वेबसाइट का सारा डाटा रहैंगा वेबसाइट से जुडी डाटा फाइल्स इमेजेज और वीडियोस जिस तरह आप अपने कंप्यूटर में हार्ड डिस्क का स्पेस decide करते हो बस उसी तरह आपको इसमें भी अपने जरुरत के हिसाब से स्टोरेज लेना है पर जितना हो सके अनलिमिटेड स्टोरेज वाले होस्टिंग लेना सही रहता है क्यों की उसमे डिस्क फुल होने का खतरा नहीं रहता ।
BANDWIDTH:- बैंडविड्थ से decide होता है के आपकी वेबसाइट पे एक साथ कितने विजिटर साइट का डाटा एक्सेस कर सकते है और वो कितना टाइम लेता है जब कोई विजिटर कोई इनफार्मेशन के लिए क्लिक करता है तो उसका रिक्वेस्ट आपके होस्टिंग सर्वर पे जाता है वहा से वो डाटा विजिटर के स्क्रीन पे जाता है अब ये सारा प्रोसेस जितने कम टाइम मे ओर डेटा जितना ज्यादा विजिटर तक पहुंच पाता है उतना आपका बैंडविड्थ अच्छा माना जाता है।
UPTIME:- किसी भी होस्टिंग कंपनी की विष्वसनीयता और महत्व उनका होस्टिंग सर्वर या सिस्टम मे कितना कम प्रॉब्लम आता है और कितना टाइम UP रहता है उसपे दरोमदार रखता है । मार्किट में ऐसी बहोत सी कम्पनिया है जो गारंटीड अपटाइम देती है जो ये सूचित करता है के आपकी वेबसाइट 99.9 प्रतिशत आपके visitors के लिए उपलब्ध रहेगी।
EMAIL HOSTING:– वेब होस्टिंग की तरह ईमेल होस्टिंग भी एक सर्विस है जिसको आप अपने खुद के लिए या अपनी कंपनी के लिए ले सकते है जिसकी मदद से आप अपना खुद का कस्टमाइज्ड ईमेल एड्रेस बना सकते है इसमें आप ईमेल भेजने और रिसीव करने के अलावा और बहोत सी सुविधा है जिसका इस्तेमाल कर सकते है जैसे की Virus Protection, Spam filter, Address book और calender
BACKUP:- सिस्टम में कभी भी कुछ भी हो सकता है कोई भी प्रॉब्लम आ सकता है कई बार फाइल्स डिलीट हो जाती है और डाटा लोस्स हो सकता है इस से आपके विजिटर काफी इफेक्ट हो सकते है तो होस्टिंग लेते समय webhost सही बैकअप सुविधा प्रोवाइड कर रहा है या नहीं सही ये जरूर से चेक कर लेवे। बैकअप सुविधा होने पर आपका डेटा सिक्योर रहैंगा और आप उसे कभी भी रिस्टोर कर सकते हो।
CUSTOMER SUPPORT:– कम्पनिया हमेशा कहती है 24/7 free सपोर्ट पर ऐसा सही में है या नहीं वो चेक कर ले आपको पता करना होंगा की क्या आप उनको फ़ोन कर सकते है या नहीं ? फ़ोन पे सही कस्टमर सपोर्ट मिलेगा या नही? कस्टमर एग्जीक्यूटिव अवेलेबल रहैंगे या नहीं? आपको ईमेल सपोर्ट मिल रहा है या नहीं?
और सबसे जरुरी आपकी समस्या कितने टाइम में सोल्वे होती है? उनका रेस्पॉन्स टाइम क्या है? लाइव चैट उपलब्ध है या नहीं? Generally आने वाली समस्याओ का कोई टुटोरिअल है या नहीं? इन सब चीज़ों से आप भविस्य में आने वाली होस्टिंग की समस्या को आसानी से सोल्वे कर सकते हो।
कितने तरीके की Web Hosting होती है?
अभी तक के आर्टिकल से आपको इतना तो पता चल ही गया होंगे की वेब होस्टिंग क्या है और ये किस तरह काम करता है अभी आगे जानते है होस्टिंग कितने प्रकार की होती है और और अपनी जरुरत के हिसाब से इसका कैसे चुनाव करे?
इसके मुख्य 4 प्रकार है:
- Shared Hosting
- Dedicated Hosting
- VPS Hosting
- Cloud Hosting
इस प्रकार की होस्टिंग में कई सारि वेबसाइट मिलके एक सर्वर को एक्सेस करते है और ये सारी वेबसाइट के बिच उसी होस्टिंग सर्वर का space, RAM और CPU यूज़ होता है
Example के तोर पे आप किसी होटल में जाते हो तब आपका आर्डर लेने और खाना लाने के लिए अगर एक ही वेटर है और आपकी तरह और भी कस्टमर्स है तो ये एक ही वेटर आपका और दूसरे कस्टमर्स के आर्डर लेंगा और एक एक कर के खाना लाएगा इसमें वेटर हो गया वेब सर्वर जो आप सारे कस्टमर की रिक्वेस्ट हैंडल करता है तो इसमें टाइम ज्यादा लगता है और सर्विस क्वालिटी भी इतनी उमदा नहीं रहती इसी कारन इस तरह की होस्टिंग सस्ती रहती है जो एकदम से ट्रैफिक बढ़ने पर सही से हैंडल नहीं हो पाती है ।
अगर आपका नया बिज़नेस है या आपकि अभी शुरुआत ही है जो इतने बड़े लेवल पे नहीं है या फिर आप ने नया नया ब्लॉग लिखना स्टार्ट किया है तो आपको इस तरह की शेयर्ड होस्टिंग से ही शुरुआत करनी चाहिए क्यूंकि शेयर्ड होस्टिंग आसान रहता है और आप इसके tools और pluggin को easily हैंडल कर सकते है ।
Dedicated Hosting-
इस तरह की होस्टिंग में पर्टिकुलर कोई वेबसाइट या वेबपेज पूरा होस्टिंग सर्वर से हैंडल होता है अन्य वेबसाइट के साथ शेयर्ड नहीं होता इसी कारन अन्य होस्टिंग के मुकाबले ये सब से महंगी है example के तोर पे बात करे तो आप किसी होटल में जाते हो वहा आपको पर्टिकुलर एक वेटर allot है जो सिर्फ आपका आर्डर लेता है खाना लाता है तो इस से टाइम कम लगेगा ओर सर्विस क्वालिटी उम्दा रहैंगी इसमें वेटर डेडिकेटेड होस्ट की तरह सिर्फ आपकी रिक्वेस्ट हैंडल करता है आप इस तरह की होस्टिंग में operating sytem और setting चेंज कर सकते है ।
Dedicated होस्टिंग में ट्रैफिक या लोड बढ़ने पे सर्वर क्रैश नहीं होता उसकी वजह से आपकी वेबसाइट की स्पीड और परफॉरमेंस बढ़ता है।
ऐसी वेबसाइट जिस पर ट्रैफिक कांस्टेंट आते रहता हो जैसे कई ईकॉमर्स प्लेटफार्म जैसे की Amazon, flipkart, snapdeal डेडिकेटेड होस्टिंग इस्तेमाल करते है ।
VPS (Virtual Private Server) Hosting:-
VPS होस्टिंग मे शेयर्ड और डेडिकेटेड होस्टिंग दोनों ही तकनीक का इस्तेमाल होता है । इस होस्टिंग में आपके पास एक डेडिकेटेड सर्वर होता है पर vertually जो physically नहीं होता है । इसमें होस्टिंग सर्वर पर अलग अलग virtual सर्वर बना दिए जाते है और एक vertual सर्वर एक वेबसाइट को असाइन कर दिया जाता है जिस पर सिर्फ ये वेबसाइट का अधिकार होता है ।
शेयर्ड होस्टिंग से इसे बहतर माना जाता है क्यूंकि इसमें space, RAM, CPU इसके मुकाबले ज्यादा मिलता है जिसकी वजह से स्पीड ज्यादा आता है और पेज लोड टाइम कम हो जाता है ।
अगर आपकी वेबसाइट पे ट्रैफिक ज्यादा आ रहा है जो शेयर्ड होस्टिंग हैंडल नहीं कर पा रहा या फिर आपको अपने शेयर्ड होस्टिंग में स्पीड कम लग रही है तो आप VPS होस्टिंग ले सकते है ।
Cloud Hosting-
डेडिकेटेड ओर VPS होस्टिंग में resources ओर storage capacity लिमिटेड होते है पर वेबसाइट के लिए ye लिमिटेड रिसोर्स sufficient होता है पर आपका कोई कंटेंट वायरल हो जाता है और ट्रैफिक drastically बढ़ने लगे तब इसको हैंडल करना मुश्किल हो जाता है इसका सलूशन cloud hosting कर सकता है इसमें पर्टिकुलर कोई सर्वर नहीं but सारे सरवर मिलकर आपकी वेबसाइट को सपोर्ट करते है इसकी वजह से ट्रैफिक का लोड बढ़ने पर भी आपकी वेबसाइट का स्पीड कम नहीं होता
डेडिकेटेड सर्वर की तरह आपके पास इसका कण्ट्रोल नहीं रहता आप ऑपरेटिंग सिस्टम या सेटिंग चेंज नहीं कर सकते या दूसरे सॉफ्टवेयर इनस्टॉल नहीं कर सकते। ये होस्टिंग एक साधारण वेबसाइट और जिसमे ज्यादा तकनिकी विकल्पों की जरुरत नहीं उनके लिए बेहतर साबित हो सकता है
Cloud hosting उनके लिए सूटेबल है जो अपने जरुरत के हिसाब से डिस्क स्पेस और मेमोरी को बढ़ाना चाहते है और जो timely traffic spikes से परेशान रहैते है उनके लिए ये होस्टिंग बहोत उपयोगी है।
Linux vs Windows Web Hosting में क्या different है?
Web Hosting 2 तरह की होती है एक linux ओर एक windows आप इनमे से किसी का भी चयन कर सकते है जिसमे windows थोडा महंगा है ओर linux open source operating system है इस लिए linux यूज़ करने के लिए कंपनी को कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है पर windows licence के लिए चार्ज लगता है अधिकतर blog ओर website linux पे ही होती है क्यूँ कि ये सस्ता है ओर ज्यादा features देता है।
Conclusion-
फ्रेंड्स हमने इस article में Web Hosting के बारे अधिक अधिक इनफार्मेशन लिखने का try किया है और ये उम्मीद करते है के आपको ये Web Hosting का आर्टिकल पसंद आयेंगा और आप इसको आगे भी शेयर कर सकते हो आर्टिकल के related आपको अगर कोई भी doubt हो या question हो तो आप कमेंट में लिख सकते है।